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PM मोदी की आलोचना वाला बयान पीएचडी प्रपोजल में छापा:नोटिस के बाद श्रीलंकाई सुपरवाइजर ने दिया इस्तीफा; साउथ एशिया यूनिवर्सिटी का मामला

जम्मू-कश्मीर के संस्कृति और राजनीति पर छपे एक पीएचडी प्रपोजल में अमेरिकी फिलॉस्फर नोम चोमस्की का पीएम मोदी की आलोचना वाला बयान शामिल किया गया था। मामले में स्कॉलर को कारण बताओ नोटिस देते हुए, सुपरवाइजर पर डिस्प्लेनरी जांच शुरू की गई थी।

इसी मामले में अब सुपरवाइजर और SAU के समाजशास्त्र विभाग के फाउंडर प्रोफेसर सासांका परेरा ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले स्कॉलर ने भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए यूनिवर्सिटी से माफी मांगी थी।

सासांका परेरा 2011 से 2019 के बीच SAU में HOD,डीन और वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं।

सुपरवाइज करने वाले प्रोफेसर श्रीलंकाई मूल के हैं
परेरा ने डिस्प्लेनरी जांच और इस्तीफे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। परेरा मूल रूप से श्रीलंका से आते हैं, वे कोलंबो यूनिवर्सिटी में 20 साल प्रोफेसर रह चुके हैं।

इसी बीच SAU ने सफाई जारी करते हुए कहा है कि जांच के दौरान प्रोफेसर पर इस्तीफे के लिए किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया गया।

चोमस्की के 2021 के बयान का हवाला दिया था
यूनिवर्सिटी ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उन्हें प्रपोजल के कौन हिस्से पर आपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रपोजल में नोम चोमस्की के 2021 के इंटरव्यू का हवाला दिया गया था। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को कट्टरपंथी हिंदू बताया था और आरोप लगाया था कि मोदी भारत में सेकुलरिज्म को खत्म कर हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।

पीएचडी स्कॉलर ने पिछले साल नवंबर में अपने सुपरवाइजर से पास कराने के बाद प्रपोजल डीन को सबमिट किया था। इस पर यूनिवर्सिटी ने इस साल मई में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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