बजट, बजट, बजट…आ गया यूपी का बजट। न नया टैक्स लगा। न ज्यादा नए ऐलान हुए। हां, प्रदेश का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट जरूर है। 7.36 लाख करोड़ का। यानी पिछली बार से करीब 46 हजार करोड़ ज्यादा। उम्मीद थी कि चुनावी साल है। सरकार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं।
युवा, किसान और धार्मिक पर्यटन पर सरकार ने ज्यादा फोकस किया। खुद सीएम योगी ने बजट से पहले कहा, “यह रामराज लाएगा।” बाद में कहा, “प्रभु श्रीराम को समर्पित है। बजट की शुरुआत, मध्य और अंत में भी राम हैं।” बजट में भी इसका असर नजर आया। अयोध्या के विकास के लिए 100 करोड़ दिए। धार्मिक कॉरिडोर के लिए 1750 करोड़ आवंटित किए।
लखनऊ में 1500 एकड़ में एयरो सिटी बनाने का बजट में ऐलान किया गया। आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को 60 किमी. के लिंक एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा। उधर, बजट से विपक्ष नाखुश नजर आया। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं, ईज ऑफ करप्शन चल रहा है। विधानसभा से लेकर जितनी भी नौकरी निकली हैं, सब में करप्शन है।
अखिलेश ने कहा कि यह बजट 90% लोगों के लिए नहीं, बल्कि 10% के लिए है। अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ेगी। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, “यह जनहित नहीं, चुनावी हित का बजट ज्यादा लगता है।” वहीं, सरकार का राजकोषीय घाटा इस बार 3.46% रहा है।