बिल में सभी धर्मों और सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। UCC पर ड्राफ्ट लाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।
बिल पेश करने से पहले मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिस वक्त का लंबे समय से इंतजार था, वो पल आ गया है। न केवल प्रदेश की सवा करोड़ जनता बल्कि पूरी देश की निगाहे उत्तराखंड की ओर बनी हुई हैं। यह कानून महिला उत्थान को मजबूत करने का कदम है जिसमें हर समुदाय, हर वर्ग, हर धर्म के बारे में विचार किया गया है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि धामी भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं। वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया है। भाजपा विधायकों ने सदन में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का समर्थन किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि बिल का किसी को विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें किसी के भी अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया गया है। सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण साबित होगा। सदन की कार्यवाही 7 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।