वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया। इस पर कल (शुक्रवार को) चर्चा होगी। 59 पेज के श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा।
श्वेत पत्र में लिखा है- 2014 में कोयला घोटाले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था। 2014 से पहले कोयला ब्लॉकों का आवंटन ब्लॉक आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने आधार पर किया गया था।
कोयला क्षेत्र को कॉम्पिटिशन और ट्रांसपेरेंसी से बाहर रखा गया था। एजेंसियों द्वारा जांच की गई और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से आवंटित 204 कोयला खदानों/ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया।
यूपीए सरकार में 122 दूरसंचार लाइसेंसों से जुड़ा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ। इसमें CAG के अनुमान के अनुसार सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कोयला घोटाले में सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) घोटाले ने राजनीतिक अनिश्चितता के माहौल का संकेत दिया।
संसद में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने बताया था कि FDI यानी फर्स्ट डेवलप इंडिया। 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया। यह 2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलैट्रल इनवेस्टमेंट ट्रीटी (द्विपक्षीय निवेश के लिए समझौता) कर रहे हैं।
कांग्रेस ने जारी किया ब्लैक पेपर
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर जारी किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 10 साल में 411 विपक्षी विधायकों को अपनी तरफ मिलाया। वह डेमोक्रेसी खत्म कर रही है। कांग्रेस ने इसे 10 साल, अन्याय काल नाम दिया।