चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन को लेकर BJP बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। सोमवार 19 फरवरी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले भाजपा अपने खेमे को मजबूत करने में जुट गई है। चर्चा है कि AAP के 3 पार्षद गायब हैं।
भाजपा से जुड़े करीबी सूत्रों के मुताबिक ये गायब पार्षद BJP में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें से 2 पार्षद तो चंडीगढ़ के भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के साथ दिल्ली रवाना हो चुके हैं। वहीं, तीसरा पार्षद आज रात तक दिल्ली पहुंच सकता है।
AAP के करीबी सूत्रों के मुताबिक पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरणजीत सिंह काला पार्टी लीडर्स के नेटवर्क से बाहर हैं। सोमवार की सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा मेयर चुनाव करवाने का आदेश देता है, तो BJP की जीत लगभग तय होगी।
इधर, चंडीगढ़ में भाजपा के मेयर बने मनोज सोनकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा खुद दोबारा मेयर चुनाव कराने की कोशिश में है, ताकि सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की गाज से बच सकें।
चुनाव दोबारा हुए तो बदल जाएंगे समीकरण
AAP के 3 पार्षदों के भाजपा में आने के बाद नगर निगम में पूरी तरह समीकरण बदल जाएंगे। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही BJP के पास 15 वोट हैं। अगर 3 AAP पार्षद BJP को ज्वॉइन करते हैं तो आंकड़ा 18 हो जाएगा। एक अकाली दल का मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगी।
इस प्रकार यदि सुप्रीम कोर्ट से मेयर चुनाव दोबारा करवाने को लेकर फैसला आता है तो भाजपा फुल मेजॉरिटी के साथ अपना मेयर बना लेगी।