Headlines

लालू की मनमानी से महागठबंधन में मुश्किल:लेफ्ट ने कहा- ये गलत, कांग्रेस खामोश, राजद का दावा- फर्स्ट फेज की सारी सीटें हम लड़ रहे

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर संशय भले ही जारी हो, लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सीट दर सीट अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में वे 6 लोकसभा सीटों (गया, जहानाबाद, नवादा, बक्सर, औरंगाबाद, जमुई) पर कैंडिडेट की घोषणा कर चुके हैं। राजद सुप्रीमो की इस मनमानी ने महागठबंधन में अपने सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी है

लेफ्ट इसे गलत बता रहा है तो कांग्रेस पूरी तरह से इस मसले पर खामोश है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रवक्ता तक सभी बस इतना कह रहे हैं कि सीट शेयरिंग की प्रक्रिया चल रही है। जल्द इसकी घोषणा हो जाएगी। वहीं, राजद का दावा है कि पहले फेज की सभी चार सीटें राजद के खाते में गई हैं। इसलिए प्रत्याशियों की घोषणा सभी की सहमति से की जा रही है।

जमुई सुरक्षित सीट से अर्चना रविदास को आरजेडी से मिला टिकट।

सीट शेयरिंग की बात चल रही है
भाकपा माले का कहना है कि जब तक सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर नहीं लग जाती, तब तक सिंबल बांटना या कैंडिडेट की घोषणा करना गलत है। भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अभी सीट शेयरिंग की बात चल रही है। अभी हम लोगों के साथ बात फाइनल नहीं हुई है। बिना सीट शेयरिंग के टिकट नहीं बंटना चाहिए। ये पूरी तरह गलत है।

राजद की तरफ से श्रवण कुशवाहा को नवादा का कैंडिडेट बनाया गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने उन्हें सिंबल दिया।

लालू ही महागठबंधन में सुप्रीम अथॉरिटी
क्या लालू प्रसाद यादव की इस मनमानी का बिहार में महागठबंधन पर कोई असर पड़ेगा। इस सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं कि गठबंधन पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ना तो कांग्रेस के पास और ना ही लेफ्ट की पार्टियों के पास कुछ ऑप्शन है। महागठबंधन के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ही हैं। उनका यही अंदाज रहा है। ये कोई पहली बार नहीं है। पहले भी कई चुनावों में वे ऐसा कर चुके हैं।

जमुई से आरजेडी उम्मीदवार अर्चना रविदास।

लालू प्रसाद यादव पहले अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे देते हैं। इसके बाद अचानक किसी दिन सीट बंटवारे की घोषणा कर देते हैं। समस्या ये होती है कि लालू यादव की इस नीति के आगे सहयोगी दल गफलत में रहते हैं कि सीट शेयरिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे अपने कैंडिडेट को फाइनल करें।

सहयोगी के पास विकल्प नहीं, स्वीकार करना होगा लालू का फैसला
प्रवीण बागी कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन में शामिल दलों के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। सब इसी भरोसे हैं कि लालू प्रसाद यादव के साथ हो लेते हैं तो उनके वोट से पार्टी कैंडिडेट को लाभ मिले। अगर वे अकेले लड़ेंगे तो उनके लिए जीतना मुश्किल होगा। हालांकि, गठबंधन टूटता है तो राजद को भी नुकसान होगा, लेकिन अन्य पार्टियों की तुलना में राजद का कम होगा।

बक्सर से आरजेडी प्रत्याशी सुधाकर सिंह।

लालू जी अपनी चॉइस वाली सीटों पर उम्मीदवार उतार रहे: कांग्रेस

लालू यादव की तरफ से कैंडिडेट की घोषणा करने के सवाल पर कांग्रेस के प्रवक्ता व रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने कहा कि वे अपनी चॉइस की सीटों पर कैंडिडेट उतार रहे हैं। कांग्रेस की चॉइस की सीटों पर नहीं।

उन्होंने कहा कि सभी दलों ने अपने पसंद की सीटें बता दी हैं। ये बात सही है कि सीट शेयरिंग की प्रक्रिया में देरी हो रही है। हम लोग सभी की बात सुनते हैं, फिर निर्णय लेते है। सीट शेयरिंग फाइनल हो जाएगा, तब सब कुछ सामने आ जाएगा। गठबंधन में किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं है।

केवल फर्स्ट फेज के 4 सीटों की घोषणा हुई है: राजद

वहीं, राजद के महासचिव श्याम रजक ने कहा कि फर्स्ट फेज की सभी 4 सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी। इन्हीं सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दिया गया है। सहयोगी दलों की सहमति के बाद ही नॉमिनेशन के लिए सभी कैंडिडेट को कहा जा रहा है। सीट शेयरिंग की घोषणा हुए बिना वे ऐसा कैसे कह रहे हैं, इस सवाल पर श्याम रजक ने कहा कि सीट शेयरिंग लगभग हो गई है।

अगले एक-दो दिनों में इसकी घोषणा हो जाएगी। सभी सहयोगी पार्टियों की बैठकें हो गई है। कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, ये लगभग तय हो गया है। क्या गठबंधन में सब कुछ लालू प्रसाद यादव के इशारे पर ही होगा? इस सवाल पर श्याम रजक ने कहा कि गठबंधन में वही होगा जो सभी लोग मिलकर फैसला लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Budget 2024