हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों और 3 निर्दलीयों ने शनिवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पार्टी मुख्यालय में इन्हें पटका पहनाकर पार्टी में शामिल किया। इन विधायकों ने हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट किया था। जिससे कांग्रेस कैंडिडेट हार गए थे।
इन बागी विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो व गगरेट से चैतन्य शर्मा और निर्दलीयों में देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विधायकों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस के वादे ठीक वैसे ही झूठे थे, जैसे राजस्थान व छत्तीसगढ़ में थे। इसका प्रमाण छह विधायकों का पार्टी छोड़ना है।
BJP ने इन सभी को उपचुनाव में टिकट देने का भरोसा दिया है। बताया जा रहा है कि बागी विधायक अब सुप्रीम कोर्ट में अपनी सदस्यता बचाने को दी गई याचिका भी वापस ले लेंगे। BJP जॉइन करने के बाद सभी विधायक अब वापस शिमला लौटेंगे। शिमला के पीटरहॉफ में इनका स्वागत किया जाएगा। यहां पूर्व सीएम जयराम ठाकुर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
कांग्रेस पार्टी का कोई विजन नहीं: सुधीर
BJP जॉइन करने के बाद सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का कोई विजन नहीं है। कांग्रेस सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करती है। जब हम अपने लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पा रहे हैं तो विधायक होने का क्या मतलब है। इसलिए, राज्यसभा चुनाव में उन्होंने हर्ष महाजन को वोट दिया जो उनके राज्य से हैं। उन्होंने कहा कि हम सब अपनी मर्जी से भाजपा में शामिल हुए हैं।
वहीं, राजेंद्र राणा ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी सुनवाई नहीं हुई। जनता को जवाब देना मुश्किल हो गया था। CM तानाशाह हो गए हैं और लोगों को अपमानित कर रहे। हिमाचल सरकार वेंटिलेटर पर है।
इधर, देवेंद्र कुमार भुट्टो ने कहा कि हिमाचल सरकार में विधायकों को नहीं पूछा जाता था। सिर्फ मुख्यमंत्री के मित्रों की पूछ थी। उन्होंने जमकर लूट मचाई हुई है। इसके अलावा चैतन्य शर्मा ने कहा कि वह लगातार जनता की आवाज उठाते रहे, लेकिन नहीं सुनी गई। उनके इस कदम के बाद महिलाओं को 1500 देने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया अध्याय लिखा जाएगा।
CM का बागियों पर निशाना
6 विधायकों के BJP जॉइन करने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, जिसमें कहा कि आयाराम-गयाराम और धनबल की राजनीति करने वालों ने देवभूमि के जनादेश से धोखा करके आज अपना ठिकाना चुन लिया। आज वे उनके साथ बैठे हैं जिन्होंने OPS मांगने पर कर्मचारियों का मजाक उड़ाया।
जिन्होंने पेपर लीक घोटाला किया और युवाओं के रिजल्ट लटकाए। जो अपने फायदे के लिए महिलाओं के विरोध में खड़े हो गए, जिन्होंने देवभूमि के आदर्श व मूल्यों को अपनी बेईमानी व खरीद-फरोख्त वाली राजनीति से कुचला। लेकिन, लोकतंत्र में जनता जनार्दन है। पैसों के लिए अपना ईमान बेचने वाले, जनता का प्यार और समर्थन पैसों से नहीं खरीद सकते। जनता जवाब देगी।
28 फरवरी से बाहर हैं बागी विधायक
सभी बागी विधायक बीते 28 फरवरी से ही प्रदेश से बाहर हैं और CRPF के सुरक्षा घेरे में है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सप्ताह ही परिवार की सुरक्षा के लिए भी इनके घरों के बाहर CRPF के 10-10 जवान तैनात किए हैं।
27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव से शुरू हुआ विवाद
हिमाचल में बीती 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के मशहूर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा ने हर्ष महाजन को प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस के पास 40 अपने विधायक थे और तीन निर्दलीय भी राज्यसभा चुनाव से पहले तक कांग्रेस सरकार के साथ एसोसिएट के तौर पर काम कर रहे थे।
CM सुक्खू ने चुनाव से पहले 43 विधायकों का दावा किया था। वहीं 25 MLA वाली BJP ने लगभग डेढ़ साल पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए हर्ष महाजन को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया और छह कांग्रेस व तीन इंडिपेंडेंट MLA के समर्थन से 34 वोट ले लिए। इससे मुकाबला बराबरी पर छूटा। आखिर में लॉटरी सिस्टम से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए।
स्पीकर ने इसलिए ठहराया अयोग्य
इसके बाद 28 फरवरी को हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने क्रॉस वोटिंग करने पर कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित किया। इन विधायकों पर पार्टी व्हिप के उल्लंघन का भी आरोप है।
कांग्रेस के छह विधायकों पर आरोप है कि ये लोग कट मोशन, फाइनेंशियल बिल और बजट पास करते वक्त सदन से गैर हाजिर रहे, जबकि कांग्रेस ने इन्हें सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर रखा था। व्हिप की अवहेलना करने पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने स्पीकर से इनकी शिकायत की थी।
इनकी शिकायत पर ही स्पीकर ने इन्हें अयोग्य घोषित ठहराया। इसके बाद 4 मार्च को बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
16 मार्च को उप-चुनाव की घोषणा
इस बीच इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही अयोग्य ठहराए गए विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव की घोषणा की।
18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने 6 बागी कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी। साथ ही 6 मई तक हिमाचल प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव पर भी रोक लगा दी।