जम्मू-कश्मीर में सेना ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर आयोजित अपना एक सेमिनार रद्द कर दिया है। कई राजनीतिक दलों ने सेना के सेमिनार का विरोध किया था। ये सेमिनार 26 मार्च को कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में होने वाला था।
सेना ने शुक्रवार (22 मार्च) शाम को मीडिया संस्थानों को सेमिनार में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था। सेमिनार का सब्जेक्ट था- नेविगेटिंग लीगल फ्रंटियर्स: अंडरस्टेंडिंग IPC 2023 एंड द क्वेस्ट फॉर यूनिफॉर्म सिविल कोड’। सेमिनार के मकसद UCC और अन्य मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना था।
उमर अब्दुल्ला ने UCC के मुद्दे में सेना की भागीदारी पर सवाल उठाए
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने UCC के मुद्दे में सेना की भागीदारी पर सवाल उठाए। अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- क्या भारतीय सेना के लिए UCC जैसे विभाजनकारी मुद्दे में शामिल होना उचित है और वह भी कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में?
भारतीय सेना गैर-राजनीतिक और गैर-धार्मिक है, इसकी कोई वजह है। UCC पर सेमिनार इन दोनों मूल सिद्धांतों के लिए खतरा है। इससे सेना पर राजनीति की गंदी दुनिया में शामिल होने के साथ-साथ धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगने का खतरा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता भी लागू है। साथ ही UCC का मुद्दा भाजपा के मेनिफेस्टो में शामिल है। ऐसे में उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सेना के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग से सवाल किए।
महबूबा बोलीं- भाजपा के धार्मिक एजेंडा से हताहत हो रही सेना
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे मजबूत और सबसे अनुशासित सेनाओं में से एक है। हालांकि, भाजपा ने धर्म को हथियार बना लिया है और वे देश के सभी पवित्र संस्थानों में इसे घुसा रही है। अब सेना भी इससे हताहत होती दिख रही है।
उत्तराखंड UCC लागू करने वाला पहला राज्य
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से 13 मार्च को उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बिल को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। नियमावली बनने के बाद UCC लागू कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड विधानसभा में 7 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल ध्वनि मत से पास हुआ था। CM सीएम पुष्कर धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा में यह बिल पेश किया था।
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