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CJI ने खुद के ट्रोल होने का किस्सा सुनाया:बोले- कमर दर्द था, कोहनी टिकाकर बैठ गया; लोगों ने गलत समझा

CJI चंद्रचूड़ शनिवार को बेंगलुरु में न्यायिक अधिकारियों के 21वें द्विवार्षिक राज्य स्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार 23 मार्च को कर्नाटक में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने जूनियर जजों से वर्क-लाइफ बैलेंस और स्ट्रैस मैनेजमेंट पर बात की।

इस दौरान CJI ने कुछ दिन पुराना किस्सा सुनाया कि उन्हें भी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था। चंद्रचूड़ ने कहा- पांच दिन पहले मैं एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग भी हो रही थी।

सुनवाई के दौरान मेरी पीठ में थोड़ा दर्द हुआ। इस बीच मैंने कोहनी कुर्सी पर रखी और अपनी स्थिति बदल ली। चंद्रचूड़ ने कहा, कुछ समय बाद सोशल मीडिया पर मुझे इसके लिए ट्रोल किया जाने लगा। लोगों ने कमेंट किया कि भारत के चीफ जस्टिस कितने अहंकारी हैं। वह बीच बहस में ही उठ गए।

अब जानिए क्या था वो मामला
CJI चंद्रचूड़ ने जिस घटना का जिक्र किया, वह 19 मार्च की है। जब चंद्रचूड़ की बेंच इलेक्टोरल बॉन्ड मामले की सुनवाई कर रही थी। यह सुनवाई लाइव भी हो रही थी। इसमें सॉलिसिटर जनरल बोलते हुए नजर आ रहे थे। इस बीच CJI ने कुर्सी में अपनी स्थिति बदली, लेकिन उनका एक फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह उठते नजर आ रहे हैं।

उस वायरल वीडियो को लेकर चंद्रचूड़ ने कहा- उस दिन उन्होंने कुर्सी पर सिर्फ अपनी स्थिति बदली थी, लेकिन लोग इसका गलत मतलब निकालने लगे।

CJI बोले- कोर्ट में कई बार वकील सीमा लांघ जाते हैं
चीफ जस्टिस ने आगे यह भी बताया कि बहस के दौरान कई बार कोर्ट में वकील सीमा लांघ जाते हैं। भारत के चीफ जस्टिस के रूप में मैंने बहुत से वकीलों और वादियों (Litigants) को देखा है, जब वे कोर्ट में हमसे बात करते समय हद से गुजर जाते हैं।

जब ये लोग शब्दों की सीमा पार करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उन पर कोर्ट की अवमानना का केस कर दें। हमें बतौर जज या जस्टिस यह समझना होगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। वे भी तनाव से गुजर रहे होते हैं।

चंद्रचूड़ ने कहा- हम आम नागरिकों के लिए हमेशा मौजूद
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ दिन पहले लोगों के लिए कोर्ट की अहमियत पर बात की थी। उन्होंने 20 मार्च को कहा था- सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं होता। कोर्ट हमेशा भारत के नागरिकों के लिए मौजूद है। चाहे उनकी जाति, धर्म या जेंडर कुछ भी हो। वे सभी के साथ बराबर व्यवहार करते हैं। चंद्रचूड़ ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं थीं।

CJI बोले- आधी रात को ईमेल आते हैं
चंद्रचूड़ ने पुराने मामलों का जिक्र करते हुए कहा- कभी-कभी उन्हें आधी रात को ई-मेल मिलते हैं। एक बार एक महिला थी, जिसे मेडिकल अबॉर्शन की जरूरत थी। मेरे स्टाफ ने मुझसे संपर्क किया और हमने अगले दिन एक बेंच का गठन किया।

CJI ने कहा- कई दिल तोड़ने वाले मामले होते हैं जैसे- किसी का घर तोड़ा जा रहा होता है तो किसी को उसके घर से बाहर निकाल दिया जा सकता है। किसी को सरेंडर करना है लेकिन वो बीमार है। ऐसे मामलों पर अदालतें गंभीरता से ध्यान देती हैं।

चीफ जस्टिस ने आगे कहा- हमारा मिशन आम लोगों के साथ खड़ा होना है। हम इससे पूरी तरह से वाकिफ हैं कि चाहे सत्ता में कोई भी हो, आम लोगों को अगर कोई परेशानी है तो अदालत उन्हें कानूनी संरक्षण देने के लिए हरदम तैयार है। हम सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं।

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