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बीजेपी नेता प्रभात झा का निधन:गुरुग्राम के अस्पताल में ली अंतिम सांस; पत्नी से इच्छा जताई थी- अंत्येष्टि जन्मस्थली पर हो

बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व मध्यप्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो गया है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज सुबह 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 67 वर्षीय झा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे अयत्न ने कहा कि अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर 3 बजे बिहार के सीतामढ़ी जिले के कोरियाही गांव में होगा।

प्रभात झा को करीब 26 दिन पहले भोपाल के एक निजी अस्पताल से एयरलिफ्ट कर गुरुग्राम ले जाया गया था।

एक नजर प्रभात झा के जीवन पर..

प्रभात झा मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे। उनका जन्म 4 जून 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर गांव में हुआ था। वे परिवार के साथ मध्यप्रदेश के ग्वालियर आ गए थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद प्रभात झा ने ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज से बीएससी, माधव कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए और एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की डिग्री ली।

उनकी शादी रंजना झा से हुई थी। दो बेटे हैं। बड़े बेटे तुष्मुल और छोटे अयत्न झा हैं।

शादी के बाद वे पत्रकारिता करने लगे। लंबे समय तक पत्रकारिता के बाद वे राजनीति में आए और बीजेपी के सदस्य बने। 8 मई 2010 से 16 दिसंबर 2012 तक बीजेपी के मध्यप्रदेश अध्यक्ष रहे। 2008 में पहली और 2014 में दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं।

पत्नी से कहा था- अंतिम संस्कार पैतृक गांव में हो

प्रभात झा के बेटे तुष्मुल ने सोशल मीडिया पर लिखा- जिस सुबह का डर पिछले 20 दिन से था, आखिर वह सुबह आज आ ही गई। मेरे बाबा आज सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर अनंत लोक प्रस्थान कर गए। तुष्मुल और अयत्न को अकेला छोड़ गए।

हम सब चाहते थे कि बाबा की कर्मस्थली मध्यप्रदेश (ग्वालियर) में उनकी अंत्येष्टि हो। लेकिन बाबा ने हमारी माता जी से कभी इच्छा जाहिर की थी कि उनकी अंत्येष्टि जन्म धरती पर जहां मेरे दादाजी की अंत्येष्टि हुई थी, वहीं हो। अतः हम लोगों ने निर्णय लिया है कि बाबा की अंत्येष्टि कल 27 जुलाई को 3 बजे हमारे पुश्तैनी गांव कोरियाही, जिला सीतामढ़ी, बिहार में होगी।

लौटा दी थी माल्या की ‘लिकर’ गिफ्ट

वरिष्ठ पत्रकार देवश्री माली ने बताया कि प्रभात झा कई कारणों से चर्चाओं में रहे। अक्टूबर 2009 में लिकर किंग विजय माल्या (तत्कालीन राज्यसभा सदस्य) ने उनके घर बतौर तोहफा शराब की बोतल भेजी थी। झा ने बोतल लौटाते हुए पत्र लिखा, ‘मेरा आपसे न तो कोई परिचय है और न ही मेरे आपके अंतरंग संबंध हैं। मैं शराब का शौकीन भी नहीं हूं। आपने शराब की जगह कोई किताब भेजी होती तो अच्छा होता।’

उन्होंने यह पत्र सार्वजनिक भी किया। इसकी देश-विदेश के मीडिया में चर्चा भी हुई थी।

सिंधिया को भूमाफिया कहकर सुर्खियों में रहे

प्रभात झा सामंतवाद के विरोधी थे लेकिन राजमाता विजयाराजे सिंधिया के लिए सदैव समर्पित रहते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के साथ भी मित्रता का भाव निभाया लेकिन उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ तब तक मोर्चा खोले रखा, जब तक ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल नहीं हो गए।

उनको भू माफिया तक कहा लेकिन सिंधिया ने हमेशा दरियादिली दिखाई और वे प्रभात के पुराने आचरण को भूलकर उनसे मिलते-जुलते रहे।

प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

प्रभात झा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने झा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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