अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी जारी हैं। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य समारोह में राम भगवान की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में करेंगे। इस दिन का साक्षी बनने के लिए देश-दुनिया से हजारों लोग अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं। इस दिन को उत्साह से मनाने और अयोध्या आने के लिए गांव-गांव, घर-घर जाकर खास अंदाज में न्योता भेजा जा रहा है। वीएचपी-संघ और भाजपा संगठन से जुड़े लोग प्राण प्रतिष्ठा के लिए अक्षत यानी चावल देकर न्योता दे रहे हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आखिर राम मंदिर से आए इन चावल का क्या करें। कैसे पूजन में इसका इस्तेमाल करें। आइए जानते हैं।
मध्यप्रदेश स्थित उज्जैन के ज्योतिषी अक्षत शास्त्री का कहना है कि भारतीय परंपरा के अनुसार प्राचीन काल में लोग एक-दूसरे को किसी उत्सव या कार्यक्रम का न्योता देने के लिए अक्षत का उपयोग करते थे। अक्षत यानी चावल देकर लोगों को निमंत्रण भेजा जाता था। इसके लिए हल्दी में रंगे हुए पीले चावलों का उपयोग किया जाता था। हिंदू धर्म में अक्षत का विशेष स्थान है और कोई भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान या धार्मिक कार्य अक्षत के बिना पूरा नहीं होता है।
ज्योतिषाचार्य अक्षत शास्त्री का कहना है कि राम मंदिर के निमंत्रण के लिए जो अक्षत लोगों को मिले हैं, वह इसका लाभ लेने के लिए चावल को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख सकते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, ऐसा करने से मंगल और चंद्र दोनों सक्रिय होकर लक्ष्मी योग का निर्माण करेंगे। इससे घर में खुशियां आएंगी। चावल शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए शुक्र ग्रह से धन वैभव लक्ष्मी समस्त भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
ज्योतिषियों का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा खीर में भी इस चावल का उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद इस खीर को परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें। ऐसा करने से घर में समृद्धि बनी रहेगी। इसके अलावा इन चावलों का मस्तक पर तिलक के रूप में भी किया जा सकता है। किसी शुभ कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं, तो इन चावलों को तिलक के रूप में मस्तक पर लगा सकते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, ऐसा करने से कोई भी कार्य आसानी से बन जाता है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षत का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन चावलों को पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा जिन लड़कियों की हाल में शादी होनी है, उनके पिता उन्हें सौभाग्य के रूप में राम मंदिर से आए चावलों से कन्या दान कर सकते हैं।