सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी में कोटा को लेकर दिए गए 2004 के अपने ही फैसले का रिव्यू करने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में यह सवाल उठा था कि क्या राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए SC/ST समुदायों का उप-वर्गीकरण कर सकती हैं।
इससे पहले बुधवार (7 फरवरी) को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच ने सुनवाई की। जिसमें कहा था कि SC और ST अपनी आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक स्थिति के मामले में एक समान नहीं हो सकते हैं।
6 फरवरी को बेंच ने कहा था कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जाति (SCs) और अनुसूचित जनजाति (STs) में कोटा के लिए सब-कैटेगरी बनाने का अधिकार नहीं है।
बेंच में CJI डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्रा, और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल हैं।