पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार की ओर से खोले गए मोहल्ला क्लीनिकों में फर्जीवाड़े की बू आ रही है। लुधियाना में इन मोहल्ला क्लीनिकों के अंदर आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) के आंकड़ों में गड़बड़ी मिली है। फेक एंट्री के संदेह के चलते यह क्लीनिक जांच के घेरे में आ गए हैं।
लुधियाना शहर में चल रहे कुल 75 मोहल्ला क्लीनिकों में से 28 के अंदर मरीजों की संख्या काफी कम है। इनमें से कुछ क्लीनिक में तो दिसंबर-2023 और जनवरी-2024 के बीच मरीजों की संख्या में 40% से अधिक की गिरावट देखी गई है। दूसरी ओर इन क्लीनिकों का एंट्री डाटा काफी अधिक है।
इसके चलते सिविल सर्जन जतिंद्र सिंह औलख ने 28 क्लीनिकों को नोटिस कर दिया है। कई क्लीनिकों में मरीजों की संख्या काफी अधिक रिपोर्ट की गई है।
इस कारण कुल 75 क्लीनिकों में से 28 क्लीनिकों को सिविल सर्जन ने नोटिस जारी किया है। इन अत्यधिक विजिट वाले क्लीनिकों में OPD की संख्या में कम से कम 40 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रति मरीज डॉक्टर को मिलते 50 रुपए
सरकार मोहल्ला क्लीनिकों में नियुक्त डॉक्टरों को प्रति मरीज 50 रुपए देती है। इसके अतिरिक्त, फार्मासिस्ट और क्लीनिक असिस्टेंटों को प्रत्येक मरीज को देखने के लिए 12 रुपए और 10 रुपए मिलते हैं। डॉक्टरों को लगभग 63,000 रुपए का निश्चित मासिक वेतन भी मिलता है, जबकि क्लीनिक असिस्टेंटों और फार्मासिस्ट को 11 हजार रुपए और 12 हजार रुपए का न्यूनतम वेतन दिया जाता है। अधिक कमीशन पाने के लिए कई क्लीनिक फेक डाटा लॉग कर रहे हैं।