लोगों को खुश करने के लिए कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकरा ने मंत्री का दर्जा देने में रिकॉर्ड ही तोड़ दिए। सिद्धारमैया सरकार ने लगभग 90 लोगों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे ररखा है। इसमं 77 विधायक और 9 अन्य लोग शामिल हैं। कर्नाटक के इतिहास में पहली बार है जब इतने लोगों को मंत्री का दर्जा दिया गया है। बता दें कि कर्नाटक में अभी 9 महीने पहले ही कांग्रेस की सरकार बनी है।
अलग-अलग वर्गों को संतुष्ट करने के लिए सिद्धारमैया सरकार ने 77 विधायकों ने 77 विधायकों और चार एमएलसी को मंत्री का दर्जा दिया। कर्नाटक में कांग्रेस के कुल 135 विधायक हैं। इसमें मंत्रियों के अलावा कॉर्पोरेशन और बोर्ड के अध्यक्षों, मुख्यमंत्री के कई सलाहकारों और यहां तक कि विधानसभा और विधानसभा में पार्टी के चीफ विप को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री के जिन 9 सलाहकारों की नियुक्ति की गई है वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसमें कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करवाने वाले सुनील कानुगोली, मुख्मंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एच रविकुमार, पूर्व आईएएस और ब्रैंड बेंगलुरु एक्सपर्ट पीएस पाटिल और डॉ. आरती कष्ण शामिल हैं। बता दें कि कैबिनेट मंत्री को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे कि वह 14 स्टाफ को हायर कर सकता है। इसके अलावा उसे सरकारी गाड़ी के साथ ही अंगरक्षक दिए जाते हैं। उसे तनख्वाह भी मिलती है।
बता दें कि दर्जा प्राप्त मंत्री कोई संवैधानिक पद नहीं होता है। लोगों को खुश करने के लिए अलग-अलग निगम और परिषद का चेयरमैन बना दिया जाता है। ये लोग मंत्रिपद की शपथ भी नहीं लेते हैं। ना तो इसके लिए किसी लिखित आदेश की जरूरत होती है। चुनाव के गणित को देखते हुए भी सरकार कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे देती है। इन्हें अच्छी सैलरी भी दी जाती है।