कर्नाटक सरकार ने विभिन्न संस्थाओं को दिए गए 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक के पुराने कर्ज की वसूली नहीं की है। मंगलवार (13 फरवरी) को CAG की 2022-23 फाइनेंस रिपोर्ट में विधानसभा में पेश की गई, जिसमें इसका खुलासा हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज के कुछ मामले साल 1977 से पेंडिंग हैं। 21 संस्थाओं पर 15856 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसमें 9380 करोड़ रुपए का मूलधन भी शामिल है।
सबसे पुराना बकाया 1977 का है, जो बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवेज बोर्ड (BWSSB) और कर्नाटक राज्य बीज निगम लिमिटेड को दिया गया है।