2004 से रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा का नामांकन भरा। अगले ही दिन गुरुवार को उन्होंने रायबरेलीवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अब वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन उनके मन और प्राण हमेशा रायबरेली के पास ही रहेंगे।
सोनिया गांधी 13 अप्रैल 2019 को आखिरी बारी रायबरेली आई थीं। तब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया था। इसके बाद वह रायबरेली नहीं आईं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने ही मां के लिए चुनाव प्रचार किया था।
सोनिया गांधी का लेटर…
नमस्कार
मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया।
तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई। इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूँ, आपकी बदौलत हूँ और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।
उन्होंने आगे लिखा कि अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं रायबरेली से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।