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गहलोत-पायलट खींचतान की फिर गूंज:स्पीकर का हाईकोर्ट में जवाब-81 कांग्रेस विधायकों ने मर्जी से नहीं दिए थे इस्तीफे; जांच होनी चाहिए

पूर्व सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पुरानी खींचतान का मामला हाईकोर्ट में फिर ताजा हो गया है। बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की पीआईएल पर चल रही सुनवाई के तहत शुक्रवार को मौजूदा विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया।

मौजूदा स्पीकर ने जवाब में कहा कि पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, टीकाराम जूली, ममता भूपेश सहित अन्य ने अपने इस्तीफे वापस लेने की अर्जियों में कहा कि उनके इस्तीफे मर्जी से नहीं थे। 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायक दल की पैरेलल बैठक करके गहलोत गुट के 81 विधायकों ने पायलट को सीएम बनाने की कोशिश के खिलाफ उस समय के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफे सौंप दिए थे।

मौजूदा स्पीकर ने जवाब में लिखा है कि इस्तीफों पर हस्ताक्षर भी खुद की मर्जी से नहीं किए थे। कई मंत्री-विधायकों ने यह भी कहा कि उन्होंने स्पीकर के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित होकर इस्तीफे नहीं दिए थे। कोर्ट में पेश जवाब में यह भी कहा कि इस्तीफे देने, फिर वापस लेने की घटना बहुत बड़ी है। जांच होनी चाहिए, लेकिन तत्कालीन स्पीकर ने प्रसंज्ञान नहीं लिया।

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