श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी का कहना है कि राम मंदिर के बाद अब श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और काशी में बाबा विश्वनाथ की बारी है। सारे समुदायों से इसके लिए शांतिपूर्वक बातचीत की जाएगी। जमीन के विवाद को खत्म करने की रणनीति बनाई जाएगी। अगर बात नहीं बनी तो संत हरिद्वार और प्रयागराज में होने वाले समागम में उग्र आंदोलन को लेकर फैसला करेंगे।
जयपुर में जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के तक्षशिला सभागार में हुए अखिल भारतीय संत सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचें गोविंद गिरी ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दौरान मेरी आंखें भीग रही थीं, क्योंकि उस वक्त मैं उन तमाम लोगों को याद कर रहा था, जिनके कारण आज हम वहां रामलला के दर्शन कर पाएं।
‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ नारे का बनाया था मजाक
स्वामी गोविंद गिरी ने कहा- ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर भव्य बनाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ का नारा दशकों तक हम लगाते आए। इस नारे का कुछ लोग मजाक बनाते थे। कहते थे- मंदिर कब बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। यह काफी समय तक चलता रहा, लेकिन संतों की संकल्प शक्ति का अनुभव हम सब लोगों ने किया। आज हम बड़े गर्व के साथ कह सकते हैं कि अयोध्या जी में मंदिर बनाने के बाद पहली बार एकत्रित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा- अयोध्या में जिन लोगों के कारण रामलला के दर्शन कर पाएं। उनमें धर्मेंद्र महाराज का नाम प्रमुख है। जिनकी पुण्य स्मृति में हम यहां एकत्र हुए हैं। मंदिर आज अयोध्या में खड़ा है, उसमें अनेक लोगों का त्याग और बलिदान लगा है।