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केजरीवाल की गिरफ्तारी रोकने वाली याचिका खारिज:दिल्ली हाईकोर्ट ने ED से जवाब मांगा; 22 अप्रैल को अगली सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने गुरुवार 21 मार्च को गिरफ्तारी से बचाने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) केजरीवाल को 9 समन दे चुका है, पर केजरीवाल पेश नहीं हुए।

वहीं, केजरीवाल ने कोर्ट से ये भरोसा मांगा था कि अगर वे पूछताछ के लिए ED जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने साफ किया कि केजरीवाल को ईडी के सामने पेश होना होगा, उनकी गिरफ्तारी पर रोक नहीं है।

वहीं, हाईकोर्ट ने ED से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है। अब इस मामले पर 22 अप्रैल को सुनवाई होगी।

ED ने केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा था। केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ED को तलब किया।

शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए।

कोर्ट रूम लाइव:

  • कोर्ट ने ASG एसवी राजू (ED की तरफ से पेश हुए) से कहा: आपको उन्हें गिरफ्तार करने से किसने रोका? आप उन्हें बैक टु बैक समन क्यों दे रहे हैं?
  • राजू ने कोर्ट से कहा: हमने कभी नहीं कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने जा रहे हैं। उनके पास शक्ति है। हमने उन्हें जांच में आने को कहा। हम शायद अरेस्ट कर सकते हैं, शायद नहीं भी।
  • अभिषेक मनु सिंघवी (केजरीवाल के वकील)- समन में कहीं ये नहीं कहा गया कि वो (जिसे समन भेजा गया) संदिग्ध चश्मदीद हैं या आरोपी। मुझे आशंका है कि राजनीतिक वजहों से मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी होगी।

केजरीवाल के वकील बोले- सुरक्षा मिली तो पेश होंगे CM
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने 20 मार्च को कोर्ट में केजरीवाल का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- ED AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच एजेंसी केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है।

वकीलों ने कहा- केजरीवाल भाग नहीं रहे हैं। वे सामने आएंगे, बशर्ते उन्हें सुरक्षा दी जाए। भले ही ED यह न बताए कि उन्हें आरोपी, संदिग्ध या गवाह के रूप में बुला रही है। इस पर कोर्ट ने कहा था कि वे पेश होंगे, तभी उन्हें पता चलेगा कि उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया जा रहा है या गवाह के तौर पर।

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