पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) इस बार लोकसभा चुनाव में ‘एक परिवार-एक टिकट’ की पॉलिसी लागू करेगा। यानि लोकसभा चुनाव में बादल परिवार से भी कोई एक ही मेंबर चुनावी मैदान में उतरेगा। 2019 में बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल और फिरोजपुर से सुखबीर बादल ने चुनाव लड़ा था और दोनों विजयी रहे थे। इस बार इन दोनों में से कोई एक ही लोकसभा चुनाव में उतरेगा।
शुक्रवार को होने वाली अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग में इस पॉलिसी पर मंथन होगा। चर्चा है कि हरसिमरत कौर इस बार भी बठिंडा सीट से ही चुनावी मैदान में उतरेगी। हालांकि पहले उनके खडूर साहिब से भी चुनाव लड़ने की चर्चा थी।
पार्टी को मजबूत करने में जुटे सुखबीर
अकाली दल इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर है। पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब बचाओ यात्रा निकालकर एक बार फिर सीधे लोगों से जुड़ने की कोशिश की है। वहीं, कुछ दिनों से पार्टी में पुराने लाेगाें के आने से मजबूती मिली है। इसमें सीनियर नेता सुखदेव सिंह ढींडसा और जागीर कौर शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी प्रधान निराश चल रहे सभी नेताओं को साधने में लगे हैं। वह पूरी तरह से प्रकाश सिंह बादल की तरह काम कर रहे हैं। वहीं, राज्य सरकार को घेरने में भी वह कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
बीजेपी से गठबंधन की स्थिति जल्दी होगी साफ
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा में गठबंधन काे लेकर जल्दी ही स्थिति साफ हो जाएगी। दोनों दलों में मीटिंग का दौर जारी है। हालांकि सूत्रों की मानें तो भाजपा ने पहले ही पटियाला, अमृतसर, गुरदासपुर व होशियारपुर सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है। वहीं, अब लुधियाना, फिरोजपुर व जालंधर सीट को लेकर भी उत्साहित है।
हालांकि, अकाली दल पांच सीटें देने के पक्ष में नहीं है। वहीं, किसान आंदोलन व बंदी सिखों का मामला भी अकाली दल के लिए मुसीबत बना हुआ है। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि दोनों दलों में नेगोशिएशन का दौर चल रहा है। जल्दी ही इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा।