TMC नेता महुआ मोइत्रा के कोलकाता स्थित घर पर CBI ने शनिवार (23 मार्च) को छापा मारा। संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी केस) के आरोपों को लेकर CBI की टीम उनके घर पर सर्चिंग कर रही है। इसी केस में महुआ की 8 दिसंबर 2023 को सांसदी
दरअसल, लोकपाल ने 19 मार्च को केश फॉर क्वेरी केस को लेकर CBI को जांच करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि 6 महीने में केस की रिपोर्ट फाइल कीजिए और हर महीने स्टेटस रिपोर्ट भी पहुंचाइए।
लोकपाल के आदेश के बाद CBI ने 21 मार्च को महुआ के खिलाफ FIR दर्ज की थी। महुआ ने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीती थीं।
BJP सांसद ने लगाए थे महुआ पर आरोप
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी। मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी।
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया था, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था। महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी। आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें विपक्ष वॉकआउट किया था। वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया।
कैश फॉर क्वेरी केस से जुड़े 4 मुख्य किरदार…
कैश फॉर क्वेरी केस में मुख्य रूप से चार किरदार रहे हैं। TMC नेता महुआ मोइत्रा, BJP सांसद निशिकांत दुबे, वकील जय अनंत देहाद्राई और रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO दर्शन हीरानंदानी।
1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति
इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।
कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।
2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे
इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।
गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।
3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर
42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।
दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।
4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील
जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।
महुआ मोइत्रा ने संसद में पूछे थे 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े थे
2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे थे। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।
sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे।
कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।
जय अनंत देहाद्राई ने जासूसी करने का भी आरोप लगाया था
सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने सबसे पहले CBI में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने महुआ पर उनकी जासूसी करने का आरोप लगाया था। देहाद्राई ने गृह मंत्री अमित शाह और CBI चीफ प्रवीण सूद को लेटर लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, देहाद्राई ने यह लेटर 29 दिसंबर 2023 को लिखा। इसमें देहाद्राई ने कहा- महुआ मोइत्रा बंगाल पुलिस के सीनियर अधिकारियों की मदद से मेरी जासूसी करवा रही है। मुझे शक है कि मेरे फोन नंबर के जरिए मेरा लोकेशन ट्रैक किया जा रहा है।
देहाद्राई के मुताबिक, महुआ पहले भी ऐसा कर चुकी हैं। उन्होंने कहा- महुआ 2019 में सुहान मुखर्जी नाम के एक शख्स का लोकेशन भी ट्रैक करवाती थीं। पूर्व TMC सांसद ने मुझे खुद इसकी जानकारी दी थी।
महुआ तब सुहान के साथ रिलेशनशिप में थी। उन्हें शक था कि सुहान का एक जर्मन महिला के साथ संबंध है। इसलिए महुआ उनकी कॉल डिटेल्स निकलवाती थी। सुहान किससे बात करते हैं, कहां जाते हैं, महुआ को सब पता होता था।
महुआ ने देहाद्राई के खिलाफ पोस्ट डिलीट की थी
जय अनंत देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने तंज कसते हुए लिखा- मैं गृह मंत्रालय से आग्रह करती हूं कि भारत के सभी एक्स बॉयफ्रेंड्स की शिकायतों की जांच के लिए एक स्पेशल CBI डायरेक्टर नियुक्त किया जाए। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद महुआ ने ये पोस्ट डिलीट भी कर दिया।
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संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में घिरीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन केस की सुनवाई से हट गए हैं। महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिस पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पढ़ें पूरी खबर…