पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू मंगलवार (26 मार्च) को भाजपा में शामिल हो गए। नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में जनरल सेक्रेटरी विनोद तावड़े ने पटका पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया।
भाजपा ने मंगलवार सुबह ही पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था। इसके कुछ घंटे बाद ही रवनीत सिंह बिट्टू की पार्टी में एंट्री हो गई। वह लुधियाना लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं।
बिट्टू कांग्रेस के टिकट पर लगातार 3 बार सांसद बन चुके हैं। 2009 लोकसभा चुनाव में उन्होंने श्री आनंदपुर साहिब सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में वह लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।
बिट्टू ने कहा- पंजाब के लिए कुछ करना चाहते हैं मोदी-शाह
भाजपा जॉइन करने के बाद रवनीत बिट्टू ने कहा कि वह शहीद बेअंत सिंह के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने पंजाब में अंधेरे का समय भी देखा है। उस अंधेरे को कैसे ठीक किया गया, वह भी देखा। आज बड़े विश्वास से कह सकता हूं कि मैंने 10 साल में खुद देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पंजाब से कितना ज्यादा प्यार है। ये दोनों पंजाब के लिए बहुत कुछ करना चाह रहे हैं। बाकी स्टेट कहां से कहां पहुंच गए।
आज पंजाब के किसानों और केन्द्र सरकार के बीच पुल की तरह काम करने की जरूरत है। पंजाब के किसानों, मजदूरों और दुकानदारों को साथ जोड़ना होगा। इंडस्ट्री को भरोसा में लेना होगा। मोदी सरकार में मैंने खुद जनहित के फैसले होते हुए देखे। इसी वजह से मैंने खुद भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया।
खालिस्तानियों ने की थी रवनीत बिट्टू के दादा की हत्या
रवनीत सिंह बिट्टू का जन्म 10 सितंबर 1975 को लुधियाना के कोटला अफगान गांव में हुआ। 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद बिट्टू ने पंजाब यूथ कांग्रेस का प्रधान बनकर अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया।बिट्टू पंजाब के पूर्व CM स्वर्गीय बेअंत सिंह के पोते हैं। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का क्रेडिट बेअंत सिंह को ही जाता है।
1980-90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद अपने चरम पर था। खालिस्तान समर्थक आतंकी दिनदहाड़े हत्याएं कर रहे थे। 1992 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद 25 फरवरी 1992 को बेअंत सिंह पंजाब के CM बने।
उन्होंने पंजाब पुलिस के तत्कालीन चीफ और सुपर कॉप कहे जाने वाले केपीएस गिल को आतंकियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दिया। बेअंत सिंह और केपीएस गिल की जोड़ी ने राज्य से आतंकवाद का सफाया कर दिया। बेअंत सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से ही खालिस्तानियों के निशाने पर थे।
31 अगस्त 1995 को जब बेअंत सिंह चंडीगढ़ स्थित पंजाब सचिवालय से बाहर निकल रहे थे तो वहां खड़े एक स्कूटर में बम ब्लास्ट हुआ। इस धमाके में बेअंत सिंह समेत कई लोग मारे गए।
अमृतपाल के लिए कहा था- वह चूहे की तरह छिप गया
पिछले साल पंजाब पुलिस के ऑपरेशन के दौरान खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बचकर फरार हो जाने पर रवनीत बिट्टू ने कहा था कि वह चूहे की तरह बिल में छिपा है।
बिट्टू ने कहा था- ‘अमृतपाल पंजाबी युवाओं को बरगलाते हुए खुद को बहादुर बताता और कहा करता था कि जब भी पुलिस आएगी तो पहली गोली मुझे लगेगी। लेकिन गोली तो छोड़ो, जब पुलिस सिर्फ अरेस्ट करने आई तो वह भागकर चूहे की तरह बिल में छिप गया।‘
बेबाकी और साफगोई के चलते हमेशा सुर्खियों में
रवनीत सिंह बिट्टू अपनी बेबाकी और साफगोई के चलते हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए भी उन्होंने कई बार ऐसी बातें कही जो पार्टी लाइन से हटकर रहीं।
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों मुल्कों के रिश्तों में आई तल्खी के बाद रवनीत बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेटर लिखा था। उन्होंने कनाडा में पढ़ने वाले 6 लाख से अधिक भारतीय स्टूडेंट्स की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए मोदी से निजी तौर पर इसमें दखल देने का आग्रह किया था।
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